गेटआउट चंद्रबाबू - शटप चंद्रबाबू कहने में पीछे नहीं हठी जनता ।
गेटआउट चंद्रबाबू - शटप चंद्रबाबू कहने में पीछे नहीं हठी जनता ।
(अर्थ प्रकाश/ बोम्मा रेडड्डी)
अमरावती :: (आंध्रप्रदेश) आज यहां वाईएसआर पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में जल संसाधन मंत्री श्री अंबाटी रामबाबू के प्रेस वार्ता में चंद्रबाबू की राजनीतिक भविष्य और विनाशकारी नीति स्वार्थ जाति बिरादरी ठेकेदारों के वजह से ही पतन हुआ अब और उसी हरकत से उस पतन अवस्था से मृत अवस्था में जाने की स्थिति आ गई है
पिछले कल चंद्रबाबू की एक सभा में चंद्रबाबू के बोल थे आप लोग अंग्रेजी मत पढ़ो अंग्रेजी पढ़ने से बिगड़ जाओगे आप अपनी भाषा में रहने से गांव में रहोगे कहा हाईटेक की बात करने वाले चंद्रबाबू लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए शिक्षा जैसी चीज को गुमराह में धकेलने की कोशिश किया सभा खत्म होने से पहले जनता ने उनको " गो बैक चंद्रबाबू " " चंद्रबाबू डाउन डाउन " के नारों के साथ उन्हीं के मुंह के सामने जनता ने अपनी भड़ास निकाली भविष्य उम्र जाने की स्थिति में है अंबाती रामबाबू नेउक्त सभा में जैसे ही " चंद्रबाबू ने नारा दिया .. जगन को छोड़ो, आंध्र को बचाओ.. कहकर
चंद्रबाबू का नारा कहते ही पूरी जनता विरोध करने चालू कर दी और चंद्रबाबू को सभा खत्म होते तक यही नारा लगा रहे थे "" गो बैक चंद्रबाबू - डाउन डाउन चंद्रबाबू कहकर पुकारते ही रहे अंत में यह उठ कर चले गए इसका उदाहरण देते हुए अंबाती रामबाबू ने प्रेस को बताया कि
आंध्र प्रदेश की जनता की क्या नीति है यह 2019 के चुनाव में और उसके बाद के हर स्थानीय निकाय चुनाव में दिखा दिया जनता ने दुनिया को । चंद्रबाबू नायडू को कई बार उनकी आमसभा में...
-डीजल के दामों पर मंत्री ने कहा की --
- मूल्य वृद्धि आपूर्ति और मांग पर निर्भर करती है। लेकिन हेरिटेज स्टोर पर कीमत हमेशा बाजार से अधिक होती है जो चंद्रबाबू की जेब से होने वाले मुनाफे पर रेट निर्भर करती है कहा ।
वार्ता में मंत्री आगे कहा कि
- डीजल हो... पेट्रोल हो... किसी भी कीमत पर... जब तक हमारे पड़ोसी राज्यों के मुकाबले एक रुपया ज्यादा या तुम हो सकता है...चंद्रबाबू की " ऐल्लो मीड़िया " पीत पत्रकारिता में उनकी टीम बहुत शातिर अंदाज में दिखा रही है. कि सिर्फ आंध्र में ही पेट्रोल डीजल के दाम ज्यादा है ?
आगे कहा चंद्रबाबू की इतनी उम्र ढल गई राजनीत में कि अब वह सठिया गए हैं देश की आय में राज्य की आय व्यय पर सोचने की क्षमता खत्म हो चुकी है गलत अफवाह फैलाकर राजनीति करने का जमाना चले गया अब उनको पारदर्शिता चाहिए जनता को जनता से वसूली जारी टैक्स राशि का पाया पाया पूछने को मजबूर है जनता की सरकार टेक्स्ट कराती क्या कर रही है जब इतना विकास हो चुका है लोगों की मानसिकता अब चौपाल की राजनीति अब काम नहीं चलेगी चंद्रबाबू कहा उन्होंने अब उन्हें ही जनता पसंद करती है जो जनता की विकास की धारा में जुड़े हैं वरना चंद मिनट में उन्हें हटाने को तैयार है यह सोचना चाहिए उन्हें कहा।
यह भूल कर गलत गलत बयान गलत गलत अखबारों में प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हैं जो 10 साल पहले की हरकत थी अब ऐसा नहीं है यह नहीं समझ रहे हैं तो चंद्रबाबू आराम करने का समय है कहा मंत्री अंबाती रामबाबू ने..
वे क्यों नहीं कहते हैं कि उनके शासनकाल में भी यह वही पैटर्न था जो अबभी है ?
चंद्रबाबू डीजल और पेट्रोल की कीमतों में आधा रुपये के अंतर के बारे में सभा मे बात करते हैं चंद्रबाबू में यह कहने की हिम्मत है क्या कि आंध्र को मैंने कितना उधारी में ढकेल रखा जिसे जगन की सरकार अभी चुका रही है शर्म खानी चाहिए चंद्रबाबू को अपने अनुभव में अपने उम्र भर गलत तौर तरीके से कमाने के सिवा कुछ और किया नहीं कहा
चंद्रबाबू पोलावरम जैसे बांधों के खेतों में ठेकेदारों पहले कमीशन लेकर ठेका देने की रिवाज बना ली थी वह ग्रामीण स्तर में यही हालत बना हुआ था जिसके वजह से आज आंध्र बर्बाद हो चुका है
राजधानी को सिंगापुर के तर्ज में है बनाने का एक बेवकूफ उद्देश्य जनता के सामने डिजिटलाइजेशन में दिखाया और उन किसानों को नहीं बताया कि आप की राजधानी कब तक बनेगी रिकॉर्ड में 2055 तक संपन्न होने का सिंगापुर का ठेकेदार ने वक्तव्य में बताया यह बात किसानों को पारदर्शिता में नहीं बताया और उनकी खेत को हड़पने की साजिश रची इसी तरह हैदराबाद के हाइटेक सिटी को भी अपना कमाई का स्रोत बनाया यह दुनिया जानती है और जिसके ऊपर कई देश के लोगों ने पीएचडी भी किया कि चंद्रबाबू किस तरह से नोट अर्जित करते हैं कहा
यह विडंबना ही है कि चंद्रबाबू कहते हैं कि आंध्र प्रदेश में जन आंदोलन की जरूरत है। जब जन आंदोलन आया तो चंद्रबाबू विपक्ष में थे।
अपने पुत्र के राजनीति भविष्य बनाने के लिए कई युवा नेताओं को टीडीपी से गायब करवा दिया और वह पुत्र ऐसा है कि एक भी चुनाव अब तक जीत नहीं पाया कहा हैं -
उनके द्वारा पहले खेले गए नाटक को समाप्त करने के लिए एक और नया नाटक जनता से कैसे खेलें इसका रिहर्सल बता रहे हैं शर्म खानी चाहिए चंद्रबाबू को रिटायरमेंट ले कर चुपचाप बैठना ही उचित है कहा मंत्री ने प्रेस को ..?